शब्द का अर्थ
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मँढ़ा, मंढ़ा :
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पुं० [हिं० मढ़ना] १. कमख्वाब बुननेवालों का एक औजार। २. किसी विशिष्ट कार्य के लिए छाकर बनाया हुआ स्थान। मंडप। ३. लकड़ियों आदि का वह ढाँचा जो किसी तरह की बेल चढ़ावे के लिए खड़ा किया या बनाया जाता है। मुहा०—बेल-मँढ़े (मंढ़े) चढ़ना=किसी काम का ठीक तरह से चलने लगना या पूरा होना। जैसे—तुमने इतना बड़ा काम तो हाथ में ले लिया है, पर यह बेल मँढ़े नहीं चढ़ेगी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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